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Room No. 333 एक भूतिया दरवाज़ा - Haunted Hotel की कहानी

Hindi haunted stories में आपका फिर से स्वागत है जहाँ आपको रूह को कपा देने वाले भूतिया कहानियो और घटनाओं से रूबरू कराया जाता है। जिसको पढ़ कर आप भी कहेंगे कि क्या ये सच है। 
तो दोस्तों आज की ghost स्टोरी एक hotel पर है जिसको पूरा भूतिया यानी haunted तो नहीं कहा जा सकता पर उसमे कुछ तो ऐसा था जो उस होटल को दूसरे होटल से अलग बनाता था। तो चलिए कहानी की और बढे।
Saurav और उसकी पत्नी एक trip पर जा रहे थे वो लोग घूमने के लिए shimla जा रहे थे। उनका सबसे पहले प्लान था कि वो लोग shimla पहुँचते ही सबसे पहले अपने होटल में जाएंगे और वहाँ आराम करेंगे। वो अपनी गाड़ी से जा ही रहे थे की अचानक से उनके होटल की और जाने वाला रास्ता बंद पड़ा था जो की कल सुबह खुलने वाला था। saurav ने सोचा की अब आज कहाँ रुका जाए तभी उसकी पत्नी ने कहाँ की क्यों न यहीँ आस पास एक होटल में रूम book कर लेते है सिर्फ आज के लिए और कल सुबह होते ही अपने होटल की और निकल पड़ेंगे। sorav को भी ये idea पसंद आया और वो वहाँ एक होटल की तलाश में यहाँ वहाँ अपनी गाड़ी में घूमने लगे।


वो होटल के तलाश में बहुत अंदर या कहे तो घने जंगलों में जा चुके थे। उनको कोई रास्ता पूछने के लिए इंसान भी नहीं दिख रहा था। अचानक एक पत्थर पर बैठा हुआ एक बूढ़ा दिखा जो हुक्का पि रहा था। उसको देखते ही सौरव ने अपनी गाड़ी रोकी और उससे आस पास रहने के लिए होटल पूछा। उस बूढ़े ने उंगलियों से एक दिशा की और इशारा किया और हुक्का पिने लगा पर उसने कुछ बोला नहीं। सौरव भी उसके दिखाए हुए रास्ते पर निकल पड़ा।
कुछ दूर जाते ही उनको एक होटल दिखाई दिया। होटल दिखने में कुछ ज्यादा शानदार नहीं था पर ठीक ठाक था

Saurav और उसकी पत्नी होटल में गए जहाँ एक आदमी काउंटर पर खड़ा था। सौरव ने उस आदमी से एक रूम की चाभी मांगी और एक दिन रुकने के लिए बोला। उस आदमी ने कहा कि सर आपको आपको जितने भी दिन रुकना है आप रुक सकते है पर आपको किराया 2 दिन का देना होगा । सौरव ने भी पैसे दे दिए।
वो आदमी कुछ देर खड़ा रहा और कुछ सोचने के बाद उसने एक रूम की चाभी निकली और हलकी सी हँसी के साथ उस चाभी की सौरव को दे दिया। उसकी हँसी को सौरव समझ नहीं पाया और चाभी लेकर रूम की और बढ़ पड़ा। उसने चाभी पर देखा की चाभी room no. 333 की है। वो अपनी पत्नी के साथ रूम नंबर 333 की और निकल पड़ा । 
उन्होंने देखा की पहला और दूसरी मंजिल अच्छी खासी लोगों से भरी पड़ी है यानी सारे रूम बुक थे। पर वहीँ जहाँ रूम नंबर 333 था जो तीसरी मंजिल पर था वो पूरी मंजिल सुनसान पड़ी थी। वो लोग चुप चाप अपने रूम को खोल कर अंदर चले गए। रूम अंदर से अच्छा था। सौरव फ्रेश होने के लिए बाथरूम की और बढ़ा तो उसने देखा की उसमे पानी नहीं आरहा है। उसने होटल को स्टाफ को फोन करने के लिए रूम के टेलीफ़ोन को उठाया और फोन मिलाया। फ़ोन उठाया गया पर वहाँ से कोई आवाज़ नहीं आई बस एक हलकी सी हँसी की आवाज़ आयी और फ़ोन कट हो गया। तभी अचानक उसी टेलीफ़ोन पर एक कॉल आया । इस बार होटल की स्टाफ की आवाज़ थी उसने पूछा की "जी सर बोलिये हम आपकी क्या सहायता कर सकते है।" सौरव ने कहाँ की "आप जल्दी से हमारे रूम आईए क्योंकि यहाँ पानी नहीं आ रहा।"

स्टाफ ने कहाँ की "सर आप अपना रूम नंबर बताये" सौरव ने कहा कि "रूम नंबर 333" ये सुनते ही स्टाफ की आवाज़ धीमी और घबराई हुई सी हो गई । स्टाफ ने घबराते हुए कहा कि" सर आप वहाँ क्या कर रहे है।" सौरव ने पूछा क्यों तो स्टाफ ने झट से चिल्लाते हुए कहा कि आप जल्दी से जल्दी उस रूम से बाहर निकल जाए और नीचे आजाएं। सौरव को कुछ समझ नहीं आया उसने इसका कारण पूछा तो स्टाफ ने कहा कि सर आप सवाल मत पूछो बस जल्दी से जल्दी उस रूम से बहार निकल आओ आपको वहाँ बहुत खतरा है। ये सुनते ही सौरव ने फोन काटा और अपनी पत्नी को सामान के साथ वहाँ से निकलने को कहाँ। अभी वो निकल ही रहे थे तो उनके दरवाज़े को कोई खट खटाने लगा। सौरव ने बार बार पूछा की कौन है बाहर पर किसी की आवाज़ नहीं आयी। सौरव और उसकी पत्नी समझ गए थे की ये की भूत प्रेत का मामला है। वो दोनों बुरी तरह से घबरा गए थे। तभी उनकी रूम की light कट गई और सब अँधेरा हो गया। तभी बहार से आवाज़ आई सर आपने पानी ठीक करने के लिए बुलाया था न। मै उसी के लिए आया हूँ। सौरव ने सोचा कि अभी तो नीचे स्टाफ ने कहाँ की ये रूम खतरों से खाली नहीं है और अब ये कौन है जो दरवाज़े के बहार है। तभी सौरव को वही धीमी सी हँसी सुनाई दी जो उसने फ़ोन पर और नीचे चाभी लेते वक़्त सुनी थी। 
तभी रूम टेलीफ़ोन फिर से बजा फ़ोन स्टाफ का था उसने कहा कि "सर अभी तक आप नीच नहीं आए क्या" सौरव ने कहा कि बहार एक होटल का ही स्टाफ आया है जो कह रहा है कि वो पानी को ठीक करने आया है। स्टाफ ने कहा कि "सर कुछ भी हो जाए आप उस दरवाज़े को मत खोलना नहीं तो आपकी मौत आपके सामने होगी" सौरव ये सुनते ही सहम गया। स्टाफ ने कहा कि आप अंदर ही रहे हम कुछ लोगो के साथ ऊपर आरहे है। ये कहते ही फ़ोन कट हो गया।
कुछ देर बाद दरवाज़े से आवाज़ आयी "सर आप बाहर आ सकते है।" सौरव ने सुना की बहार से कुछ और लोगो की भी आवजे आरही है तो उसको यकीं हो गया कि बहार सच में होटल का स्टाफ ही है।

सौरव ने दारवाज़ खोला और चैन की साँस ली और सभी लोग वहाँ से हट कर निचे आगए। सौरव ने देखा की जो स्टाफ पहले काउंटर पर था वो अब वहाँ नहीं था उसकी जगह कोई और वहाँ खड़ा था। सौरव ने सारी बात सबको बताई तब स्टाफ ने कहा की सर जो बन्दा आपकी पहले नीचे मिला था वो असल में पहले इसी होटल में काम करता था और इसी होटल के रूम नंबर 333 उसकी रहस्यमय मौत हो गई और आज भी उसकी आत्मा इस होटल में भटकती है पर वो ज्यादातर room no. 333 के आस पास ही भटकती है । सौरव को सारी बात समझ आ चुकी थी।
और उन्होंने अपने इस भयानक अनुभव को हमारे साथ HINDI HAUNTED STORIES पर share किया।

पढ़ने के लिए धन्यवाद और भी कहानिया आपका इंतज़ार कर रही है। तो पढ़ते रहे हमारी कहानियों को।


Room No. 333 एक भूतिया दरवाज़ा - Haunted Hotel की कहानी Room No. 333 एक भूतिया दरवाज़ा - Haunted Hotel की कहानी Reviewed by Blogger on 00:59 Rating: 5

3 comments:

  1. theek thi.. mere pass ek story haii... Meree hostel ki aap post kriye ussay..

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    1. Nice ☺️☺️☺️☺️

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