दोस्तो आप लोग कैसे है दोस्तो हम मे से कई लोगो ने भूतों को देखने का दावा किया है और बहूत से अभी तक भूत को नहीँ देख पाए है ।जिसमे से मे भी एक हूँ ।पर दोस्तो मेरे साथ एक ऐसी घटना घट चुकी है जिसको मे आज सोचता हूँ तो लगता है किया वो सच था ?
दोस्तो असल मे आपने दोस्त के घर गया था क्यूकि उसके मम्मी और पापा घर से बाहर गए हुए थे और उसको अकेले सोने मे डर भी लगता था इस लिए उसने मुझे घर फोन कर के बुला लीआ।
उसने फोन थोड़ी देर से किया था जिससे बहूत रात हो गयी थी और मेरा घर और उसके घर की दूरी बहूत थी । इसलिय मेने शॉर्ट कट लेने की सोची जो मेरे घर के पीछे जंगल से हो कर जाता था । मुझे उस वक्त पता था की वहाँ से जाना खतरे से खाली नहीँ है ।पर मुझे जल्दी से उसके घर पहुँचना था ।
मेने सोचा क्यूना जंगल भाग के पार किया जाये जिससे मे जंगल को आसानी से पार कर दूँगा । ये सोचते ही मे जंगल की और निकल पड़ा । जंगल मुशकिल से 1km लम्बा होगा । मै भागते हुए जंगल पार कर रहा था जिसकी वजह से मै बार बार थक जा रहा था और और फीर धीरे चलने लगता था ।
आधा रास्ता पार हो चुका था । जंगल की डरावनी आवाजें मेरे दील की धड़कने बड़ा रही थी । तभी कूछ दुर मुझे एक बैल दिखी जिसके गर्दन पर एक घंटी लगी थी। जब भी वो चलती थी तो उसकी घंटी बजा करती थी।
वो मेरे तरफ़ ही चली आरही थी । कूछ देर बाद वो मेरे बगल से निकल गयी और मै आगे चलने लगा। अभी भी मे उसकी घंटी की आवज़ सुन सकता था । अचानक से उसकी घंटी की आवज़ बंद हो गयी । जब मेने पीछे मूड कर देखा तो वो वहाँ नहीँ थी । इसको देख कर मै बहूत डर गया । मेने अपने पेरौ के कदम जल्दी जल्दी बढाना शुरू कर दिया । कूछ दूर जाते ही वो बैल मुझे एक पेड़ के पीछे खड़ी दिखी ।
वो मुझे ही घुरे जा रही थी । अचानक से मुझे ऐसा लगा जैसे कोई मेरे पीछे खड़ा है । मैने पीछे मूड कर देखा तो मेरी साँस ही अटक गयी ।
पीछे उसी बैल के साथ एक आदमी खड़ा था। वो आदमी न ही मुझसे कूछ बोल रहा था बस खड़े होकर घूरा जा रहा था । अचानक से उसने मुझे पकड़ लिया और घसीटा हुआ मुझे जंगल की दूसरी तरफ़ ले जाने लगा।
मुझे कूछ समझ मे नही आरहा था और मै उसका हाथ छुड़ा कर भागने लगा पर मेरे साथ कूछ ऐसा हुआ की मेरे हाथ और पाओ दोनो रुक गये । मै जोर से भगना चाहत था पर मै भाग ही नही पा रहा था। मुझे लगा की अब तो मे गया । लेकिन अचानक मेरे दिमाग मे हनुमान चालीस याद आने लगी और मे जोर जोर से बोलने लगा । अब मेने फीर से भागने की कोशिश की अब मे भाग पा रहा था । ये देखते ही मेने दौड़ना शुरू कर दिया और सीधा अपने दोस्त के घर जा कर रुका । ये सारी बाते मेने अपने दोस्त को भी बताई उसको मेरी बातो पर विश्वाश नही हुआ ।
इसलिये ये कहानी मेने आप लोगो को सुनाई ।
दोस्तो असल मे आपने दोस्त के घर गया था क्यूकि उसके मम्मी और पापा घर से बाहर गए हुए थे और उसको अकेले सोने मे डर भी लगता था इस लिए उसने मुझे घर फोन कर के बुला लीआ।
उसने फोन थोड़ी देर से किया था जिससे बहूत रात हो गयी थी और मेरा घर और उसके घर की दूरी बहूत थी । इसलिय मेने शॉर्ट कट लेने की सोची जो मेरे घर के पीछे जंगल से हो कर जाता था । मुझे उस वक्त पता था की वहाँ से जाना खतरे से खाली नहीँ है ।पर मुझे जल्दी से उसके घर पहुँचना था ।
मेने सोचा क्यूना जंगल भाग के पार किया जाये जिससे मे जंगल को आसानी से पार कर दूँगा । ये सोचते ही मे जंगल की और निकल पड़ा । जंगल मुशकिल से 1km लम्बा होगा । मै भागते हुए जंगल पार कर रहा था जिसकी वजह से मै बार बार थक जा रहा था और और फीर धीरे चलने लगता था ।
आधा रास्ता पार हो चुका था । जंगल की डरावनी आवाजें मेरे दील की धड़कने बड़ा रही थी । तभी कूछ दुर मुझे एक बैल दिखी जिसके गर्दन पर एक घंटी लगी थी। जब भी वो चलती थी तो उसकी घंटी बजा करती थी।
वो मेरे तरफ़ ही चली आरही थी । कूछ देर बाद वो मेरे बगल से निकल गयी और मै आगे चलने लगा। अभी भी मे उसकी घंटी की आवज़ सुन सकता था । अचानक से उसकी घंटी की आवज़ बंद हो गयी । जब मेने पीछे मूड कर देखा तो वो वहाँ नहीँ थी । इसको देख कर मै बहूत डर गया । मेने अपने पेरौ के कदम जल्दी जल्दी बढाना शुरू कर दिया । कूछ दूर जाते ही वो बैल मुझे एक पेड़ के पीछे खड़ी दिखी ।
वो मुझे ही घुरे जा रही थी । अचानक से मुझे ऐसा लगा जैसे कोई मेरे पीछे खड़ा है । मैने पीछे मूड कर देखा तो मेरी साँस ही अटक गयी ।
पीछे उसी बैल के साथ एक आदमी खड़ा था। वो आदमी न ही मुझसे कूछ बोल रहा था बस खड़े होकर घूरा जा रहा था । अचानक से उसने मुझे पकड़ लिया और घसीटा हुआ मुझे जंगल की दूसरी तरफ़ ले जाने लगा।
मुझे कूछ समझ मे नही आरहा था और मै उसका हाथ छुड़ा कर भागने लगा पर मेरे साथ कूछ ऐसा हुआ की मेरे हाथ और पाओ दोनो रुक गये । मै जोर से भगना चाहत था पर मै भाग ही नही पा रहा था। मुझे लगा की अब तो मे गया । लेकिन अचानक मेरे दिमाग मे हनुमान चालीस याद आने लगी और मे जोर जोर से बोलने लगा । अब मेने फीर से भागने की कोशिश की अब मे भाग पा रहा था । ये देखते ही मेने दौड़ना शुरू कर दिया और सीधा अपने दोस्त के घर जा कर रुका । ये सारी बाते मेने अपने दोस्त को भी बताई उसको मेरी बातो पर विश्वाश नही हुआ ।
इसलिये ये कहानी मेने आप लोगो को सुनाई ।
तो दोस्तो कैसी लगी आपको ये कहानी ज़रूर बताये ।
Name- barun
Place - bihar
Thankyou for reading
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आखिर कौन था वो । real ghost story
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